Wednesday, November 23, 2016

ए बिते सपने, 
तुम कल फिर आना
तुम्हे गौरसे देखा ही नही.

सुहाने हो तो मौज उठाउंगा
बुरे हो तो भूल जाउंगा

आखिर मनमानी तो सपनोंपेही चलती है
हकीकत पर नही.

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